सैक्स टौयज की बढ़ती मांग

सैक्स टौय वाइब्रेटर बौलीवुड तक आ पहुंचा है क्योंकि बौलीवुड फिल्म 'वीरे दी वैडिंग' और नैटफ्लिक्स पर 'फोर मोर शौट्स प्लीज' फिल्म सैगमेंट लस्ट स्टोरीज में नायिकाओं को परदे पर सैक्स टौयज द्वारा यौन आनंद लेते हुए दिखाया गया है. जबकि भारतीय पेटेंट कार्यालय ने कनैडियन कंपनी की सैक्स टौय की बिक्री की प्रार्थना को यह कह कर ठुकरा दिया था कि वाइब्रेटर अश्लील और कानूनी नजरिए से नैतिक पतन है.


संस्कारी कानूनों से इतर वास्तविकता यह है कि भारत में सैक्स टौयज का बाजार 230 मिलियन डौलर का है. इस में 2019 में 34 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना जताई गई है. अगर इन से कानून की सख्ती हट जाती है तो यह बाजार और भी तेजी से बढ़ेगा. वर्तमान में सैक्स टौयज बिक्री का कानून न होने के कारण ग्राहक इन्हें चोरीछिपे और ब्लैक में खरीदते हैं. सैक्स टौयज कृत्रिम उपकरण हैं जिन का इस्तेमाल पार्टनर के न होने पर भी सैक्स का चरम सुख प्राप्त करने के लिए किया जाता है. इस के साथ ही अपने पार्टनर के साथ सैक्स संबंध को और मजेदार बनाने के लिए भी इन की मदद ली जाती है.


लौ प्रोफैसर शमनाद बशीर अपने ब्लौग में लिखते हैं कि पेटेंट कार्यालय ने उत्पाद को इस के तकनीकी दृष्टिकोण से समझा है जबकि यह जरूरी है कि इसे नैतिक और अनैतिक दृष्टिकोण से समझते हुए इस की प्रकृति निर्धारित की जाए.



भारतीय समाज में वाइब्रेटर को सदैव ही शर्मनाक और फूहड़ता की दृष्टि से देखा गया है. कुछ ही स्थान हैं जहां आप इसे खरीद सकते हैं जैसे कि दिल्ली का पालिका बाजार और मुंबई का क्राफोर्ड मार्केट या फिर विदेशों में जहां दुकानदार आप को शक की नजरों से नहीं देखता. इसलिए, लोग ज्यादातर इसे औनलाइन खरीदना पसंद करते हैं.


निसंदेह इंटरनैट ने अब इसे खरीदना टोस्टर की तरह आसान बना दिया है. वयस्क टौय वैबसाइट इस की बिक्री की कठिनाइयों को पहचानते हुए इस उत्पाद को बौडी मसाज की आड़ में बेचती हैं तथा आनंद प्राप्ति की गारंटी देती हैं. कुछ नए उत्पाद एफएमसीजी (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) की आड़ में धंधा करते हैं, जिस कारण से इन पर कोई संदेह नहीं करता.


उदाहरण के तौर पर पुरुष सैक्स टौयज को चौपस्टिक के नाम पर खरीदते हैं, तो महिलाएं लिपस्टिक के नाम पर अपना जुगाड़ कर लेती हैं. खुदरा व्यापारियों के हित और सुविधा को देखते हुए इन उत्पादों को ड्रग्स एवं प्रसाधन अधिनियम के अंतर्गत यौन स्वास्थ्य उत्पाद में रजिस्टर्ड करा दिया जाता है. ये उत्पाद न तो अश्लील दिखाई पड़ते हैं और न ही मानव अंग से मेल खाते हैं.


औनलाइन एडल्ट स्टोर किंकपिन के बिक्री अधिकारी रीतिंद्र सिंह का कहना है कि हमारे पास बहुत बड़ी मात्रा में सैक्स टौयज के और्डर आते हैं लेकिन हमें सभी ग्राहकों को मना करना पड़ता है.


अन्य वस्तुओं की तरह आनंद प्रदान करने वाली वस्तुएं भी सस्ती नहीं हैं. वैधानिक वैबसाइट्स पर इन उत्पादों का मूल्य 3,000 से ले कर 25,000 रुपए तक है. जबकि भारत में यौन संतुष्टि के प्राकृतिक साधन सस्ते में उपलब्ध हैं. हरियाणा के युवा अपनी यौन संतुष्टि के लिए बिहार, झारखंड और ओडिशा से मात्र 5,000 से 10,000 के बीच में युवा लड़कियां खरीद लाते हैं और मजेदार बात यह है कि इन से जीभर जाने पर वे इन्हें दूसरों को और भी सस्ती दर पर बेच देते हैं.


'एजेंट औफ इश्क' फिल्म ने भी यह उजागर किया है कि महिलाएं हस्तमैथुन से किस प्रकार आनंद और संतुष्टि प्राप्त करती हैं. नोकिया फोन 3310 का महिलाओं में प्रचलित होने का सब से बड़ा कारण इस का शक्तिशाली कंपन था.


सैक्स टौयज के दुष्प्रभाव : मानव जीवन में सैक्स की महत्त्वपूर्ण भूमिका है. लेकिन अपनी सैक्स भूख मिटाने के लिए जहां तक संभव हो प्राकृतिक साधन प्रयोग करें. अगर किसी कारणवश अपनी यौन भूख को शांत करने के लिए आप सैक्स टौय प्रयोग में लाते या लाती हैं तो इन के दुष्प्रभावों का भी ध्यान रखें. जैसे सैक्स टौय डिल्डो और बट प्लग्स अकसर खुरदरे होते हैं, जिस के कारण स्त्री यौनांग में कट  आ सकते हैं या जलन हो सकती है या आप का अंग भी खराब हो सकता है.


यदि आप सैक्स टौयज को नियमित तौर पर साफ नहीं करते हैं (ऐसे टौयज जिन्हें शरीर में अंदर डाला जाता है) तो शरीर से निकला हुआ तरल पदार्थ उन पर लगा रहता है और इस से संक्रमण हो सकता है.


किसी संक्रमित साथी के साथ अपना सैक्स टौय शेयर न करें क्योंकि इस से संक्रमण हो सकता है. वाइब्रेटर जैसे सैक्स टौयज का अधिक प्रयोग करने से महिलाओं के क्लाइटोरिस में संवेदनशीलता कम हो जाती है जिस के कारण सैक्स का आनंद कम हो जाता है.


गैरकानूनी है सैक्स टौयज का धंधा : भारत में सैक्स टौयज की बिक्री आईपीसी के सैक्शन 292 (1) के तहत गैरकानूनी है. क्योंकि सैक्स टौयज को अश्लील उत्पाद माना जाता है. पहली बार दोष सिद्ध होने पर 2 साल की सजा, जबकि इस के बाद दोषी ठहराए जाने पर 5 साल तक की सजा हो सकती है. लेकिन इस के उपरांत भी दिल्ली के कनाट प्लेस में स्थित अंडरग्राउंड मार्केट पालिका बाजार में सैक्स टौयज का धंधा बेरोकटोक जारी है. इन की बिक्री के लिए खास तरह की भाषा और कोडवर्ड प्रयोग किए जाते हैं. यहां से इन खिलौनों की होम डिलिवरी भी की जाती है.


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